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विजय पताका लहरा

विजय पताका लहरा

जीवन है एक खेल, बिना रुके ये चलता
खेलने वाला अपना, दांव जरूर बदलता

जीवित रहने तक, ये खेल खेलना पड़ता
सांसे रुक जाए तो, खेल से जाना पड़ता

खेल में रहने तक, खेलो इसे जी भरकर
खेलना मत छोड़ो, मैदान में तुम उतरकर

जीत उसे मिलेगी, जो बढ़ता रहेगा आगे
लक्ष्य वही पाएगा, जो आराम को त्यागे

नए पुराने खिलाड़ी, तुझको सभी मिलेंगे
तुझे समझ न आए, ऐसी चालें वो चलेंगे

कम नहीं किसी से, तू भी है बुद्धि वाला
इतनी आसानी से, तू हार न खाने वाला

सीख पैंतरे जीतने के, खेल ये समझकर
अपनी अकल से, दिखा बाजी पलटकर

रोज करता चल, खुद पर विश्वास गहरा
अपने बलबूते पर, विजय पताका लहरा

ॐ शांति
मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान

मोबाइल नम्बर 9460641092

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